History of mathematics in hindi

      History Of Mathematics[गणित का इतिहास]

गणित विषय को सभी एक विषय के तौर पर ही पढ़ते  हैं| लेकिन गणित का भी एक बहुत बड़ा इतिहास अपने आप में छिपा हुआ है| यह भी अन्य विषयो की ही तरह  अपना अलग ही एक महत्व रखती हैं| जिस प्रकार विज्ञान के विद्वान वैज्ञानिक,हिंदी के विद्वान साहित्यकार कवि कहलाये,ठीक उसी प्रकार गणित मैं भी कहीं गणितज्ञ हुए| 
गणित के क्षेत्र में कई गणितज्ञ हुए हैं जिनमें 8 गणितज्ञ को प्रमुखता से याद किया जाता हैं| गणित के क्षेत्र में भारतीय गणितज्ञों का योगदान अविस्मरणीय हैं|

  • थेल्स:-ये पहले गणितज्ञ हुए हैं जिन्हे कांस्ययुगीन माना जाता हैं,इनका जन्म ग्रीस के मिलेटस(627ईस्वी पूर्व -623ईस्वी पूर्व ) में हुआ हैं जिन्होंने ज्यामिति के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया हैं जिसे हम थेल्स प्रमेय के नाम से जानते हैं|
     
  • पाइथोगोरस:-इन्होने भी गणित के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया हैं| इनका जन्म 580 ईस्वी पूर्व ग्रीश के निकट एजियन सागर के मध्य सामौस नामक द्वीप पर हुआ था| इन्होने गणित और दर्शन विज्ञान को एक करके विचार किया| ये चार विधाओं को सर्वोच्च मानते थे-अंकगणित,ज्यामिति,ज्योतिष और संगीत| इनकी प्रमेय को पाइथोगोरस की प्रमेय कहते हैं| जिसका प्रयोग यूक्लिड ने भी अपने ग्रन्थ एलिमेंट्स  के 47वें प्रमेय के रूप में किया|इन्होने दो ठोसों की खोज की-(1)सम्द्वादस फलक  (2)विशेति फलक                                                              इन्होने ही संख्याओं को सम और विषम में बांटा जिसके बाद सम(अशुभ) व विषम(शुभ)की प्रथा चली|इन्होने ही गणित में सर्वप्रथम मैथमेटिक्स,पैराबोला,एलिप्स,हाइपरबोला आदि शब्दों का  प्रयोग किया|                                                                                   पाइथोगोरस प्रमेय:-     कर्ण^2 =आधार^2+लम्ब^2
  • हिपाशिया:-हिपाशिया पहली महिला मैथेमेटिशियन हुई है  जिनका जन्म 350 ईस्वी पूर्व में अलेक्जेंड्रिया (मिस्र) में हुआ था|यह दर्शन विज्ञान और खगोल विज्ञान की भी ज्ञाता थी| समकालीन स्रोतों के अनुसार,ईसाई उग्रवादियों द्वारा हिपाशिया की हत्या कर दी गई थी। उस पर अलेक्जेंड्रिया में दो प्रमुख आदमियों, गवर्नर, ओरेस्टेस और बिशप सिरिल ऑफ अलेक्जेंड्रिया के बीच एक संघर्ष को उकसाने का आरोप लगाया गया था। 
      
        
                    

  • यूक्लिड:-पाइथोगोरस के बाद जिनका गणित के क्षेत्र में नाम लिया जाता हैं वे है यूक्लिड| इनका जन्म 300ईस्वी पूर्व हुआ| यूक्लिड का जन्म यूनान में हुआ था लेकिन उनकी कर्मभूमि सिकंदरिया (अलेक्जेंड्रिया) रही। उनके पिता यूरेनस एक साधारण दुकानदार थे। माना जाता है कि यूक्लिड को शिक्षा प्लेटो की अकादमी में मिली। यूक्लिड की दिलचस्पी रेखा गणित में बचपन से ही थी। इनका प्रसिद्ध ग्रन्थ एलीमेंटस मूल तत्त्व हैं,जिसके 1882 ईस्वी से आज तक 1000 संस्करण निकल चुके हैं| उनके प्रकरण (1)सर्वांगसमता और समांतरता    (2)बीजगणितीय सर्वसमिकाये और क्षेत्रफल   (3)वृत्त    (4)अंतलिखित और परिलिखित बहुभुज    (5)समानुपात    (6)बहुभुजों की आकृतियाँ    (7)-(9)अंकगणित    (10)असुमेय राशियाँ    (11)-(13)ठोस ज्यामिति|                                                 यूक्लिड के अन्य ग्रन्थ भी हैं जैसे-डेटा,आकृतियों का विभाजन,स्यूडेरियल,शांकव,पोरिज्मस,तल बिन्दुपथ आदि|   
  • आर्यभट्ट प्रथम:-आर्यभट्ट प्रथम एक भारतीय गणितज्ञ थे  जिनका जन्म पाटलिपुत्र (पटना) में 475ईस्वी में हुआ| गणित में महान योगदान उनकी चार पुस्तकों में मिलता है जो कि- 'आर्यभट्टीय','आर्याष्टशतम','कालक्रिया पादिका','गोलपाद'|आर्यभट्टीय ग्रन्थ का संग्रह के भाग-(1)दशगीतिका पादिका   (2)आर्याष्टशतम  -(a)गणित पादिका  (b)कालक्रिया पादिका   (c)गोलपाद|         सभी पुस्तकों का लेखन आर्यभट्ट प्रथम ने श्लोको के रूप में किया है| कुल 121 श्लोक है| इस महान गणितज्ञ के अनुसार किसी वृत्त की परिधि और व्यास का संबंध 62,832 : 20,000 आता है जो चार दशमलव स्थान तक शुद्ध है जिसे पाई  कहते हैं जो का स्थिरांक होता हैं। आर्यभट्ट कि गणना के अनुसार पृथ्वी की परिधि 39,968.0582 किलोमीटर है, जो इसके वास्तविक मान 40,075.0167 किलोमीटर से केवल 0.2 % कम है।उन्होंने गणित के क्षेत्र में महान आर्किमिडीज़ से भी अधिक सटीक ‘पाई’ के मान को निरूपित किया और खगोलविज्ञान के क्षेत्र में सबसे पहली बार यह घोषित किया गया कि पृथ्वी स्वयं अपनी धुरी पर घूमती है।
     (1)इन्होने बताया कि संख्या अक्षर के रूप में भी लिखा जा सकता है,और उन्होने अक्षर संकेत पद्धति का आविष्कार किया| उदाहरण-ख्य=ख+य =2+30=32 
    (2)आर्यभट्ट प्रथम ने वर्गमूल निकालने की विधि का भी स्पष्टीकरण दिया|
    (3)आर्यभट्ट प्रथम ने जीरो(शून्य)का भी अविष्कार किया|
    (4)दशमलव पद्धति का सर्वप्रथम प्रयोग आर्यभट्ट ने ही किया|
    (5)इन्होने गणितीय आकृतियों के क्षेत्रफल को भी स्पष्ट किया|
    (6)बीजगणित की सर्वसमिकाये भी इन्ही की देन है|  
  • आर्यभट्ट द्वितीय:-  आर्यभट्ट द्वितीय भी एक महान भारतीय गणितज्ञ और ज्योतिष विज्ञानी थे| इनका जन्म भारत की भूमि में 920ईस्वी में हुआ इनकी मृत्यु लगभग 1000ईस्वी के लगभग हुई| इन्होने एक प्रसिद्ध पुस्तक महासिद्धांत की रचना की|इसमें गणित और ज्योतिष गणित के अठारह अध्याय है इसकी रचना संस्कृत भाषा में हुई| 'महासिद्धांत' के प्रथम बारह अध्यायों में गणित ज्योतिष तथा भौगोलिक,ब्रह्मांडीय प्रकरणों पर विचार व्यक्त किये और इन्होने सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के में भी बताया|
    इन्होने अपनी पुस्तक महासिद्धांत में समीकरण ax+c  को बताते हुए c के विभिन्न मानो के लिए प्रयोग किया उन्होंने c के धनात्मक,ऋणात्मक,सम,विषम आदि स्थिति में मान होते हुए उपयुक्त समीकरण का मान ज्ञात किया| आर्यभट्ट द्वितीय द्वारा साइन सारणी का शुद्ध स्वरुप निर्मित किया गया|यह कार्य गणित अंकशास्त्र के लिए अभिनव था| 
  • भास्कराचार्य:-भास्कर को उनकी विद्वता के कारण अधिकांशतः लोग उन्हें भास्कराचार्य के नाम से पुकारते थे| इनका जन्म सन्न 1114 ईस्वी में हुआ था| भास्कराचार्य का जन्म विज्जडविड नामक गाँव में हुआ था जो सहयाद्रि पहाड़ियों में स्थित है।इनके पिता का नाम श्री महेश्वर भट्ट था इनको दक्कन के विदर(आधुनिक बीदर)का निवासी माना जाता है,जो 18डिग्री 58मिनट अक्षांश और 75डिग्री 47मिनट देशांतर पर स्थित है भास्कर का सबसे प्रसिद्ध ग्रन्थ 'लीलावती' माना जाता है जिसमें उन्होंने रेखागणित,बीजगणित,अंकगणित के सिद्धांतो प्रतिपादित किया| लीलावती का कई भाषाओ जैसे-अंग्रेजी, फारसी में अनुवाद भी किया गया| यह भी कहा जाता  है कि लीलावती भास्कराचार्य की बेटी थी जिसका विवाह न हो पाने के कारण और असमर्थता को आंकते हुए अपनी पुत्री का नाम अमर करने के लिए भास्कराचार्य ने लीलावती नामक पुस्तक की रचना की|
    इन्होने
    लीलावती के 'क्रकचव्यवहार' नामक अध्याय में लकड़ी के काटने का सिद्धांत दिया|
    (1)भास्कराचार्य ने बीजगणित के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया उन्होंने य^2+1=र^2  समीकरण को हल करने की विधि भी दी| जिसे चक्रवाल विधि भी कहा जाता है|
    (2)भास्कराचार्य ने रेखागणित के क्षेत्र में भी बहुत बड़ा योगदान दिया| उनकी
    लीलावती पुस्तक के क्षेत्रव्यवहार नामक पुस्तक में प्रस्तुत प्रकरण इस प्रकार हैं-
    (a)समकोण त्रिभुजों पर प्रश्न| 
    (b)त्रिभुजों और चतुर्भुजों के क्षेत्रफल| 
    (c)
    वृतो के क्षेत्रफल और पाई का मान| 
    (d)गोले के तल और आयतन| 
  • रामानुजम:-श्री निवास रामानुजम का गणित की दुनिया में अपार सहयोग प्राप्त हुआ है रामानुजम जैसा गणितज्ञ आज तक नहीं हुआ है| रामानुजम का जन्म तमिलनाडु राज्य में इरोड नामक ग्राम में 22दिसंबर,1887 ईस्वी में हुआ था| ये शुरू से ही गणित में अधिक रूचि रखते थे| इनके अध्यापक भी इनसे आश्चर्यचकित रहते थे| ये एक बहुत ही निर्धन परिवार से सम्बंधित थे ये कठिन मेहनत करते हुए मद्रास ट्रस्ट में बहुत ही कम वेतन पर नौकरी करने लगे उसी समय उनकी भेट डॉ. बोकर से हुई, डॉ.बोकर इनसे काफी प्रभावित हुए और डॉ. बोकर के प्रयासों से उन्हें दो वर्ष की छात्रवृति की छात्रवृति भी मिली| 
    इन्होने इसी समय के दौरान अपने कुछ लेख डॉ. हार्डी के पास केम्ब्रिज भेजे| रामानुजम के लेखो से डॉ. हार्डी काफी प्रभावित हुए और उन्होंने रामानुजम की केम्ब्रिज बुलवा लिया| वहां पर इन्होने गणित्त के क्षेत्र में महत्वपूर्ण शोध किये| कही-कही यह भी कहा गया कि रामानुजम को उनके भगवान उन्हें  स्वयं आकर सपने में सारी गणितीय खोजे बताकर जाते थे| उन्होंने डॉ. हार्डी के पास 120 साध्यों को अवकलनार्थ भेजा था|
    (a)इन्होने ये भी बताया था कि 1729 वह सबसे छोटी संख्या है जिसे दो संख्याओं के घन के जोड़ के रूप में दो अलग-अलग प्रकार से लिखा जा सकता है| 
    (b)इन्होने अपनी प्रमेयो में हाइपर ज्यामिति एलिप्टिकल इंटीग्रल तथा अपसारी श्रेणी पर भी उदहारण सम्मिलित किये| 
    (c)इन्होने पृथ्वी की परिधि की इतनी शुद्धता से माप की कि सही माप से बहुत कम अंतर रह गया था|mock theta function पर कार्य मृत्युकाल  तक किया था| 
    अंत  में 26अप्रैल,1920 को इस महान गणितज्ञ का मद्रास के पास चेतपुर में देहांत हो गया|   
        जय हिन्द,जय हिन्द के लोग,जय मैथमेटिक्स 
    अब मुझे उम्मीद है कि सभी भारतीय भाई-बहिनो को गणित का इतिहास समझ आया होगा इसी प्रकार कई गणितज्ञ हमारे भारत और विश्व में और हुए है अगर आपको हमारी जानकारी अच्छी लगी होतो हमारे पेज के लिंक को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे  ताकि ऐसी महत्वपूर्ण जानकारियाँ सभी के पास पहुंच सके और अगर आप हमें सपोर्ट करेंगे तो हम आप तक और भी इसी तरह की रुचिकर विषयों पर जानकारियाँ लेकर आएंगे और आप चाहे तो हमारी टीम को कमेंट कर अपने सुझाव भी  दे सकते है      like,comment and share please guys